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राजस्थान के लोक गीत to hindusthan express rajasthan gk

आज की इस पोस्ट में राजस्थान के प्रमुख लोक गीत/संगीत पर एक विस्तृत लेख लिखा गया है। इसमें आप सभी के राजस्थान के लोक गीत संगीत Stunt PDF Download, राजस्थान के प्रमुख लोक गीत, ढोलामारु मारवाड़ी लोकगीत निबंध आदि से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य शामिल किये गए है।



राजस्थान के प्रमुख लोकगीत निम्न प्रकार हैं :-

मूमल लोकगीत - यह लोद्रवा की राजकुमारी मूमल पर आधारित जैसलमेर में गाया जाने वाला शृंगारिक लोकगीत है, जिसमें मूमल का नखशिख (श्रृंगार गीत) वर्णन किया गया है। यह गीत इस प्रकार हैं: - "म्हारी वरसाले री मूमल, हालैनी ऐ आलीजे रे देख।"

ढोलामारु - यह राजस्थान के सिरोही क्षेत्र का लोकगीत है। इस लोकगीत को ढाढी लोग गाते हैं । यह प्रेम एवं श्रृंगार रस का गीत है। इसमें ढोलामारु की प्रेमकथा का वर्णन है।

गोरबंद - गोरबंद ऊँट के गले का एक आभूषण होता है, जिस पर राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों विशेषत: मारवाड़ व शेखावाटी क्षेत्रों में लोकप्रिय 'गोरबंद' गीत प्रचलित है, जिसके बोल हैं :- "म्हारो गोरबंद नखरालो।"

कुरजां - कुरजाँ राजस्थानी लोकजीवन में पत्नी द्वारा अपने पति को संदेश भिजवाने हेतु कुरजाँ पक्षी को माध्यम बनाकर गाया जाता है। यह मांड गायन शैली में गाया जाने वाला विरह गीत है। इस गीत के बोल निम्न प्रकार है : - "कूजाँ ए म्हारौ भँवर मिलाद्यो ए।"

तेजा गीत - यह किसानों का यह प्रेरक गीत है, जो खेती शुरु करते समय तेजाजी की भक्ति में गाया जाता है।

घूमर - यह गणगौर के अवसर मारवाड़ एवं शेखावाटी क्षेत्र में किया जाने घूमर नृत्य के साथ गाया जाता है। यह गणगौर के त्यौहार पर मुख्य रूप से गाया जाता है, इस गीत के बोल निम्न हैं:- "म्हारी घूमर छै नखराली ए माँ, घूमर रमवा म्हैं जास्याँ।"

ओल्यू - ओल्यूँ एक यादगीत है, जो किसी की याद में गाई जाती है, जैसे बेटी की विदाई पर उसके घर की स्त्रियाँ इसे गाती हैं। विवाह के अवसर पर यह गीत महिलाओं द्वारा गाया जाता है, जबकि गीदड़ नृत्य के अवसर पर यह पुरुषों द्वारा गाया जाता है।  इस लोकगीत के बोल निम्न प्रकार हैं:- "कँवर बाई री ओल्यूँ आवै ओ राज।"

काजलियो - काजलियो एक शृंगारिक गीत है, जो विशेषकर होली एवं विवाह के अवसर पर चंग पर गाया-बजाया जाता है। निकासी के समय भोजाई द्वारा वर की आँखों में काजल निकलने की रस्म पर गाया जाता है।

पावणा - नए दामाद के ससुराल आगमन पर भोजन कराते समय स्त्रियों द्वारा 'पावणा' गीत गाए जाते हैं।

कामण - राजस्थान में वर को जादू-टोने से बचाने के लिए विवाह के अवसर पर महिलाओं द्वारा गाए जाने वाले गीत 'कामण' कहलाते हैं।

रातीजगा - पुत्र जन्मोत्सव, विवाह, मुंडन आदि शुभ अवसरों पर अथवा मनौती मनाने पर रात भर जाग कर किसी देवता के गाए जाने वाले गीत 'रातीजगा' कहलाते हैं।

पणिहारी, इण्डोणी - यह गीत महिलाओं द्वारा पानी भरते समय गया जाता है। यह राजस्थान का प्रसिद्ध लोकगीत है, इस गीत पणिहारी के माध्यम से राजस्थानी स्त्री का पतिव्रत धर्म पर अटल रहना बताया गया है। इण्डोणी गीत के बोल निम्न है :- "म्हारी सवा लाख री लूम, गम गई इंडोणी।"

कांगसियो - यह गीत पश्चिमी राजस्थान में गाया जाता है। इस गीत के बोल निम्न है :-"म्हारै छैल भँवर रो कांगसियो पणिहारियाँ ले गई रे।"

झोरावा - यह पति के परदेस जाने पर उसके वियोग में गाया जाने वाला गीत हैं। यह मुख्यत: जैसलमेर क्षेत्र में गाया जाता है।

सुवटिया - भीलनी स्त्री द्वारा परदेस गए अपने पति को इस गीत के माध्यम से संदेश भेजा जाता है।

दुपट्टा - यह गीत शादी के अवसर पर दूल्हे की सालियों द्वारा गाया जाता है।

हमसीढों - यह उत्तरी मेवाड़ में भीलों का प्रसिद्ध लोकगीत है। इसे स्त्री और पुरुष युगल में गाते हैं।

हिचकी - हिचकी गीत अलवर (मेवात) क्षेत्र का प्रसिद्ध गीत है। यह महिलाओं द्वारा गाया जाता है। इस गीत के बोल निम्न है :- "म्हारा पियाजी बुलाई म्हानै आई हिचकी।"

पपैयो -  पपैयो गीत पपीहा पक्षी पर गाया जाता है। यह दाम्पत्य प्रेम के आदर्श का प्रतीक है। इसमें वर्षा ऋतु में पत्नी अपने पति से उपवन में आकर मिलने की प्रार्थना करती है।

हरजस - राजस्थानी महिलाओं द्वारा गाए जाने वाले वे सगुणभक्ति लोकगीत, जिनमें राम एवं कृष्ण दोनों की लीलाओं का वर्णन है।

जलो और जलाल - यह गीत वर की बारात को जब वधू के परिवार की महिलाऐं देखने जाती है, उस समय गाती है। इस गीत के बोल निम्न हैं:- "म्हें तो थारा डेरा निरखण आई ओ, म्हारी जोड़ी रा जळा।"

रसिया - ब्रज, भरतपुर, धौलपुर आदि क्षेत्रों में गाए जाने वाले गीत।  इस गीत के बोल निम्न है :- "माखन की चोरी छोड़ कन्हैया मैं समझाऊँ तोय" |

लावणी - लावणी का मतलब बुलाने से है। नायक के द्वारा नायिका को बुलाने के लिए श्रृंगार एवं भक्ति सम्बंधित प्रसिद्ध लावणियाँ गायी जाती है, जो मुख्यत: मोरध्वज, सेऊसंमन्, भरथरी आदि हैं।

सीठणे - इन्हें 'गाली' गीत भी कहते हैं। ये विवाह समारोह में 'ख़ुशी एवं हंसी ठिठोली में गाये जाने वाले गाली गीत है।


घूमर राजस्थान का एक परंपरागत लोकनृत्य है।

 राजस्थानी घूमर नृत्य के बारें में : आपको बता दे की घूमर (ghoomar dance rajasthan) भारत के राजस्थान राज्य का एक परंपरागत लोकनृत्य है। इसका विकास भील जनजाति ने मां सरस्वती की आराधना करने के लिए किया था और बाद में बाकी राजस्थानी बिरादरियों ने इसे अपना लिया। यह नाच मुख्यतः महिलाएं घूंघट लगाकर और एक घुमेरदार पोशाक जिसे "घाघरा" कहते हैं, पहन कर करती है।



ध्यान रहे की घूमर राजस्थान की एक पारम्परिक नृत्यशैली (ghoomar dance steps) है जिसमें विभिन्न मांगलिक एवं खुशी के अवसरों पर महिलाएं श्रृंगारिक नृत्य करती है। मुगलकालीन युग में औरतें पुरूषों से पर्दा करती थी अतः यह नृत्य भी मुह ढककर ही तब से अब तब कमोबेश करने की परम्परा चली आ रही है।


राजमहलों, सामन्तों, राजपूतों के घरों में विशेष रूप से किया जाने वाला यह नृत्य राजपूतों की महिलाओं की अन्य प्रान्तों में शादियों के साथ अनेक स्थानों पर विभिन्न रूपों में प्रचलित हो गया। विशेषत: गणगौर विवाह आदि अवसरों पर यह नृत्य महिलाओं द्वारा स्वान्तःसुखाय किया जाता है।


इसमें अच्छे वस्त्रों एवं गहनों से लक-दक महिलाएं जब स्त्रियोचित कोमलता के साथ इस नृत्य को करती है तो देखने वाले रोमांचित हो जाते है। कालान्तर में यह रजवाडों से निकलकर विद्यालयों में सिखाया जाने लगा लेकिन इसके बोलों, तालों एवं लय में एकरूपता न होने से अनेक रूपों में प्रचलित हो गया।

Facebook Ads क्या है और अपने Business में इसका Use कैसे करें ( In Hindi )

 

Facebook Ads क्या है और अपने Business में इसका Use कैसे करें ( In Hindi )



क्या आप जानते हैं कि Facebook ads क्या है ( What is Facebook ads in hindi ) और Facebook Advertisements का इस्तेमाल किन कामों के लिए किया जाता है. जब आप फेसबुक चलाते हैं तब आपको इसके बीच बीच में या इसके Video Feed में ads यानि विज्ञापन दिखते हैं और इसी विज्ञापन के माध्यम से फेसबुक पैसे कमाता है.


आप तो जानते ही होंगे कि फेसबुक एक बहुत बड़ा Interpersonal interaction Stage है जिसके करोड़ों उपयोगकर्ता हैं. एक सर्वे के अनुसार 2020 की पहली तिमाही में फेसबुक पर Month to month Dynamic Client की संख्या लगभग 2.6 Billion थी. इसके अलावा Instagram पर भी Month to month Dynamic Client 1 Billion के आसपास रहते हैं.


Instagram भी फेसबुक कंपनी की एक Long range interpersonal communication Site है और इस पर भी आप अपने विज्ञापन चला सकते हैं. इस पोस्ट में जानेंगे कि Facebook और Instagram दोनों पर अपने विज्ञापन कैसे चलाएं.


फेसबुक विज्ञापन क्या है ( Facebook ads in hindi )

जैसा कि हमने जाना कि फेसबुक का client base बहुत बड़ा है जिस पर करोड़ों यूजर है. और आप सब जानते हैं कि जहां पर ज्यादा लोग होते हैं , किसी भी चीज़ का विज्ञापन वहीं किया जाता है. तो आसान शब्दों में समझे तो Facebook ads एक Web based Publicizing Organization जिस पर हम अपने किसी भी Items या Administration का विज्ञापन कर सकते है.


जो विज्ञापन करता है उसे Sponsor कहा जाता है और विज्ञापन करने के लिए Promoter को फेसबुक को कुछ पैसे देने पड़ते हैं. Facebook पर आप कई तरह की चीजों का एड कर सकते हैं जैसे अपनी वेबसाइट का , एप्लीकेशन और गेम का और अगर आप कोई Item या Administration बेचना चाहते हैं तो वो भी आप Sell कर सकते हैं.


इसकी मदद से आप अपने Facebook Page पर Like बढ़वा सकते हैं , अपने Brand या Online Store को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकते हैं. Facebook ads in hindi के इस लेख में Video और Connection के माध्यम से इसको अच्छे से समझेंगे.


The most effective method to Advance Business on Facebook in Hindi

अगर आप अपने Business को बढ़ाना चाहते है या आपने कोई नयी Business शुरू की है और आप चाहते है की ज्यादा से ज्यादा लोग आपके Business के बारे में जाने तो Facebook ads आपके लिए बिल्कुल Awesome है. किसी भी Business को Advance करने के लिए आज के समय में Facebook Advertisements को काफी महत्व दिया जाता है.


आप एक साथ ही अपने विज्ञापन को Facebook और Instagram दोनों पर चला सकते हैं क्योंकि Facebook में ads Make करते समय आपको अपने Advertisement को Instagram पर भी चलाने का ऑप्शन मिलता है. अगर आप Facebook Advertisements में नए हैं तो इस लेख Facebook ads in hindi को पढ़ने के बाद आप Facebook Advertisements Make करना और उसे Run करना आसानी से सीख जायेंगे.


आपका Business On the web हो या Disconnected इससे प्रभाव नहीं पड़ता अगर आपको लगता है कि फेसबुक पर Promoting करने से आप अपने व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं तो आप Facebook ads का इस्तेमाल कर सकते हैं. जैसे माना कि आप कोई Training Center चला रहें हैं और चाहते हैं कि लगभग 30 Km तक के लोग आपके Instructing Center को जाने और Join करे.


तो Facebook ads में आप उस Area को Set करके अपने Training का Advertisement चला सकते हैं जिससे की सिर्फ उसी Area के लोगो को आपका Advertisement दिखेगा और आपकी Cost भी कम आयेगी. अपने ads में आप Call Now या Message का बटन भी लगा सकते हैं जिससे Client Training की जानकारी के लिए आपको Telephone या Message कर सके.


फेसबुक विज्ञापन कैसे चलाएं - The most effective method to Make Facebook Advertisements in hindi

इसका सबसे पहला स्टेप यही है कि पहले आप अपने मार्केटिंग का उद्देश्य चुनिए मतलब आप किस चीज़ की मार्केटिंग करना चाहते हैं. इसके बाद अपने Business से ही संबंधित आपको एक Facebook Page बना लेना है क्योंकि इसी के माध्यम से आपको विज्ञापन चलाना है. Facebook Page को अपने Business के अनुसार बनाए और अपने Business की कुछ जानकारी को अपने Page में Incorporate कीजिए.


सेकंड स्टेप में आपको अपना Spending plan बनाना है. मतलब आप अपने ads के ऊपर कितना पैसा खर्च करना चाहते हैं. एक तय Spending plan के ऊपर ads चलाना अच्छा रहता है.


एक बार Financial plan बन जाने के बाद आप उतना Sum अपने Charge Card या किसी Online Installment Mode का इस्तेमाल करके अपने ads Record में डाल सकते हैं. Facebook पर Advertising के बारे में Facebook की ऑफिसियल वेबसाइट पर अच्छे से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें - Facebook Showcasing


इसके बाद आपको ads Make करना है और इस प्रक्रिया में आपको थोड़ी बहुत Specialized Information की आवश्यकता पड़ सकती है लेकिन नीचे में एक Video लगा दूंगा जिसे देखकर आप आसानी से Advertisement Make कर सकते हैं. Facebook Advertisements का इंटरफेस काफी आसान होता है जिसे आप थोड़ी सी समझ लगाकर बिना Video देखें भी बना सकते हैं.


Advertisements Creation के टाइम पर सबसे central matter होती है Crowd Select करना. अगर आपने अपनी Business के अनुसार Crowd को चुना है तो आपकी ads का Execution काफ़ी अच्छा रहेगा. Facebook में आप Crowd को उनके Area , Interest , Conduct , Orientation , Age के हिसाब से चुन सकते हैं. Facebook ads Creation का Video देखने के लिए नीचे Video पर क्लिक करें -


Audit के लिए Submit करना

Facebook ads का Last Step है ads को Survey के लिए Submit करना और इसके बाद आपकी Promotion को Endorsement मिलने में लगभग आधे या एक घंटे का समय लग सकता है. इस प्रक्रिया में Facebook के अधिकारी आपके ads को Physically Check करते हैं और अगर आपका Submit किया हुआ Advertisement Facebook की Publicizing Strategy के अनुसार नहीं होता है तो वो इसे Reject भी कर सकते हैं.


अपने Advertisements के Insights को track करना

Measurements के Area में जाकर आप अपने ads की Execution Report को देख सकते हैं.



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बेगू किसान आन्दोलन | Begu Peasant Movement

 

24 चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित बेगें ठिकाने के किसानों ने अपने जागीरदार के विरुद्ध आन्दोलन शुरू किया जिसका नेतृत्व रामनारायण चौधरी ने किया। मई, 1921 ई. में बेगें ठिकाने के कर्मचारियों ने चाँदखेड़ी नामक



स्थान पर सभा में किसानों पर अमानुषिक व्यवहार किया। बिजौलिया आन्दोलन से प्रेरित बेगूँ के किसानों ने मेनाल में एकत्रित होकर लाग-बाग व लगान को न्यायपूर्ण बनाने के लिए संघर्ष करने का आह्वान किया।


 दो वर्षों के संघर्ष के पश्चात बेगूँ ठाकुर अनूपसिंह व किसानों के मध्य समझौता हुआ लेकिन इसे 'बोल्शेविक' की संज्ञा दी गई। सरकार ने जाँच हेतु ट्रेंच आयोग का गठन किया। 13 जुलाई, 1923 में किसानों की सभा पर सेना द्वारा लाठीचार्ज करने पर रूपाजी एवं कृपाजी धाकड़ शहीद हो गये।


* इसके पश्चात् पथिकजी इस आन्दोलन से जुड़े । आन्दोलन के कारण बन रहे दबाव के फलस्वरूप बन्दोबस्त व्यवस्था लागू कर लगान की दरें कम की एवं अधिकांश लागें वापस लीं व बेगार प्रथा समाप्त की।

peasant movement

 



The changed political conditions, the terror of the British, the exploitative attitude of the princely vassals and the political activities going on across the country were important in the circumstances responsible for the peasant movements in Rajasthan.


Bijolia Peasant Movement (1897 to 1841 AD) Establishment of the base of Bijolia (in present Bhilwara district) Rana


It was done by Ashok Parmar at the time of Sanga. Here the first organized peasant movement started, whose job was to establish more gardens by the jagirdar.


* In 1897 AD, the people of Uppermal region (Bijulia) sent Nanji and Thakri Patel to Maharana Mewar Fateh Singh to complain against the atrocities of the jagirdar, but Maharana did not pay attention to it and the then Thakur and Krishna Singh of Bijolia sent Nanji and Mr. Thakri Patel was exiled.


The farmers under the leadership of Sadhu Sitam Das, Fatehkaran Charan and Brahmdev did not pay any tax while protesting against the implementation of Lama (tax to be paid on becoming a new Thakur) by Krishna Singh's son Rao Prithvi Singh.


* In 1916 AD, on the request of Sadhu Sitaram Das, Vijay Singh Pathik (Bhupsingh) joined this movement and in 1917 established the Uptamala Kisan Panch Board.


* In order to investigate the justification of the demands of the farmers, the report of the Justice Bindu Lal Bhattacharya Commission of Inquiry, which was passed in 1919, recommended the abolition of the garden.


This movement was exposed at all India level through 'Pratap' newspaper (Ganeshashankar Vidyarthi) published from Kanpur.


* In 1922 AD with the intervention of Congress leaders, A. Yes. Yes. An agreement was reached between Holland and the farmers in which 35 out of 84 logs were waived.


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Environment पर्यावरण

 



पर्यावरण में विद्यमान तत्त्वों की मात्रा तथा गुणवत्ता में निश्चित अनुपात से अधिक अंतर आना ही पर्यावरण असंतुलन या पर्यावरण प्रदूषण है। पूरे विश्व में आज यही स्थिति है। इस कारण आज हम पर्यावरण संकट की दहलीज पर खड़े हैं। जल और वायु की गुणवत्ता की गिरावट से श्वास संबंधी और जल संक्रामक रोगों की घटनाएँ बढ़ी है। वैश्विक उष्णता और ओजोन क्षय ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। हरित गृह प्रभाव (Green House Effect):











ग्रीन हाऊस प्रभाव कुछ प्रदूषक गैसों के कारण वायुमण्डल के तापन (Heating) से सम्बन्धित है जो कि पौध घर (Green house) के भीतर वायुमण्डल के तापन के समान ही होता है। ग्रीन हाउस प्रभाव मुख्य रूप से CO, की उच्च सान्द्रता तथा कुछ प्रदूषक गैसों जैसे N, O, CO, CH, तथा CFCs के कारण होता है।



वायुमण्डल में कार्बन-डाई-ऑक्साइड (CO2) की मात्रा बहुत कम (लगभग केवल 0.03%) होती है। इसके बावजूद यह धरती के तापमान को नियंत्रित करने में महत्त्वपूर्ण है। उपरोक्त गैसें तीव्रता से वातावरण की अवरक्त किरणों को अवशोषित कर लेती हैं और उन्हें पुनः पृथ्वी पर परावर्तित कर सकती हैं। पृथ्वी की सतह पर आने वाले विकिरण वापस नहीं लौट पाते और पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है। तापमान के बढ़ने से जल का वाष्पीकरण बढ़ता है और जलवाष्प अधिक ऊष्मा अवशोषित करती है। इस प्रकार परावर्तित किरणों का कार्बन-डाई-ऑक्साइड व जलवाष्प द्वारा अवशोषण एवं पुनः परावर्तन होने के परिणामस्वरूप पृथ्वी की सतह पूर्ण तौर पर गर्म हो जाती है। इसी प्रभाव को ग्रीन हाउस प्रभाव कहते हैं।<

 

Soil erosion and its conservation मृदा क्षरण एवं उसका संरक्षण

 



'भौतिक रूप से मिट्टी के कणों का अपने स्थान से हटने की क्रिया से को मृदा क्षरण कहते हैं।" मृदा का पृथक्करण तथा परिवहन मृदा क्षरण कहलाता है। अधिकांश दशाओं में जल परिवहन कारक होता है लेकिन हवा भी यह कार्य करती है। "मृदा को विभिन्न क्षरण शक्तियों द्वारा बहने तथा काटने से बचाने की क्रिया को मृदा संरक्षण कहते हैं।"


मृदा क्षरण के प्रकार


1. प्राकृतिक क्षरण : वनस्पति से ढकी हुई मृदा के प्राकृतिक रूप से हवा तथा जल द्वारा लगातार और धीरे-धीरे क्षरण को प्राकृतिक क्षरण कहते हैं। यह क्षरण मृदा निर्माण तथा मृदा विनाश की क्रियाओं में सदैव साम्य रखता है। इससे कोई विशेष हानि नहीं होती क्योंकि परिवर्तन में बहुत समय लगता है। इस क्षरण को मनुष्य द्वारा नहीं रोका जा सकता है।


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2. त्वरित क्षरण : जब भूमि की वनस्पति को पशुओं द्वारा चराकर, खोदकर या जोतकर माप्त कर दिया जाता है तो भूमि वनस्पति विहीन हो जाती है।