भारत में 1857 की क्रांति का नेतृत्व बहादुरशाह जफर के द्वारा किया गया। 1862 ई. में बहादुर शाह जफर को बर्मा (म्यांमार) की राजधानी रंगुन / यंगुन में निर्वासित कर दिया गया।
बहादुरशाह जफर के बारे में कहा जाता है कि- 'हे ! बहादुर तू कितना बदनसीब है कि तुझे दफनाने के लिए दो गज जमीन भी अपने देश में नहीं मिली।
1857 की क्रांति के समय इंग्लैण्ड का प्रधानमंत्री पामर्स्टन था। 1857 के विद्रोह के समय ईस्ट इण्डिया कम्पनी का मुख्य एनिसन था।
1857 के विद्रोह के प्रारंभ के बाद नियुक्त सेनापति कॉलिन कैम्पबेल था। 1857 की क्रांति के समय भारत का गर्वनर जनरल लार्ड केनिंग था।
1857 की क्रांति का तात्कालिक कारण एनफील्ड राइफलों का प्रयोग किया गया था।
इन राइफलों में गाय और सुअर की चर्बी लगे कारतूसों का प्रयोग होता था।
भारत में एनफील्ड राइफलों का प्रयोग जनवरी 1857 में लार्ड केनिंग के द्वारा शुरू किया गया।
एनफील्ड का सर्वप्रथम प्रयोग 'क्रीमिया युद्ध' में किया गया था। इन राइफलों से पूर्व ब्राउनबेस राइफलों का प्रयोग होता था ।
मंगल पांडे को फाँसी की सजा राबर्ट हुक नामक अंग्रेज द्वारा सुनाई गई। राजस्थान में 1857 की क्रांति में फांसी पर चढ़ने वाला प्रथम क्रांतिकारी अमरचंद बांठिया (बीकानेर) था, जिसे 22 जून 1857 को ग्वालियर में पेड़ पर लटकाकर फांसी दी गई।
अमरचंद बांठियां को राजस्थान का मंगल पांडे भी कहा जाता है।
1857 की क्रांति में राजस्थान का प्रथम भामाशाह अमरचंद बांठिया था। • अमरचंद बांठियां ने रानी लक्ष्मीबाई को धन देकर सहायता की थी । रानी लम्मीबाई को 'महलपरी' कहा गया है।
1857 की क्रांति के समय राज्य में शहीद होने वाला सबसे युवा क्रांतिकारी नी हेमूकलानी था, जिसे टोंक में फांसी दी गई।
- 1857 की क्रांति का प्रतीक चिह्न कमल का फूल व चपाती थे। राजस्थान में 1857 की क्रांति का प्रमुख केन्द्र अजमेर था।
1857 की क्रांति के समय अंग्रेजों का शस्त्रागार अजमेर में था। 1857 की क्रांति के समय ए. जी. जी. का मुख्यालय माउण्ट आबू (सिरोही) था।
1857 की क्रांति के समय ए.जी.जी. पैट्रिक लॉरेन्स था।
जॉर्ज पेट्रिक लॉरेन्स की पुस्तक को 'काली किताब' कहा जाता है। जॉर्ज पैट्रिक लॉरेंस द्वारा मेवाड़ के महाराणा से कहे गए कटु शब्द 'उसका नाम उसकी 'काली डायरी' में दर्ज है।'
1857 की क्रांति के समय राजपूताने पर उत्तर-पश्चिमी प्रांत (नॉर्थ वेस्टर्न प्रोविसेंज) के लैफ्टिनेन्ट गवर्नर कोलविन का नाममात्र का नियन्त्रण था। उसका मुख्यालय आगरा में था।
1857 की क्रांति के समय अजमेर-मेरवाड़ा का नागरिक प्रशासन वहाँ नियुक्त कमिश्नर कर्नल डिक्सन द्वारा संचालित था।
1857 की क्रांति से पूर्व राजपूताना का ए.जी.जी.हेनरी लारेन्स था, जिसे अवध भेज दिया गया तथा उसके स्थान पर उसका भाई जॉर्ज पैट्रिक लारेन्स ए.जी.जी. बना।
1857 की क्रांति के समय राजस्थान के किसी भी भाग में रेललाईन का निर्माण नहीं हुआ था।
अधिक जानकारी -
कोई टिप्पणी नहीं
एक टिप्पणी भेजें