राजस्थान की स्त्रियों के द्वारा पहने जाने वाले वस्त्र
घाघरा -
•घाघरा कमर से एडी तक पहना जाने वाला लम्बा स्कर्ट होता है।
• राजस्थान में 80 कली घाघरों के गीत गाए जाते है।
• जयपुर में तीज के त्यौहार पर पंचरंग लहरिया रंगा जाता था ।
• राजघराने की स्त्रियाँ उसकी दासियां और सभी महिलाऐं लहरिये का घाघरा कुर्ती कांचली और ओढनी पहनती थी
ओढनी -
•शरीर के निचले हिस्से में घाघरा और ऊपर कुर्तीकांचली पहनने के बाद स्त्रियाँ ओढनी ओढ़ती हैं।
• ओढनी की लम्बाई प्रायः ढाई से तीन मीटर ओर चौड़ाई डेढ़ से पौने दो मीटर होती है।
• पोमचा लहरिया चुनरी मोठड़ा धनक आदि कुछ विशिष्ट लोकप्रिय ओढनिया है।
पोमचा -
•पोमचा प्रसूता को पहनाया जाता है।
•पोमचा बच्चे के जन्म पर शिशु की माँ के लिए मातृ पक्ष की ओर से लाया जाता है।
•पुत्र जन्म पर पीला व पुत्री के जन्म पर गुलाबी पोमचा पहनाया जाता है।
चुनरी -
•चुनरी भांत की ओढनी में पशु पक्षी फूल और अन्य अलंकारिक चित्र बनते हैं।
● चुनरी के पतला गोटा जमीन में और चौड़ा गोटा जिसे लप्पा कहते हैं। यह आंचल में लगाया जाता है ।।
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