वायु मण्डल गैसों का मिश्रण है। शुद्ध वायु में 78 प्रतिशत नाइट्रोजन, 21 प्रतिशत ऑक्सीजन, 0.03 प्रतिशत कार्बन डाई ऑक्साइड व शेष भाग में अल्प मात्रा में अक्रिय गैसें, जल वाष्प, धूल के कण, सूक्ष्म बीजाणु आदि होते हैं। वायु में उपस्थित ऑक्सीजन के कारण ही पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व है। औद्योगिकीकरण का विकास की चहुँमुखी दौड़ में वायुमण्डल की परत जिनमें सजीव श्वसन एवं अन्य क्रियाकलाप करते हैं, में अनेक अवांछनीय परिवर्तन होते हैं। इन अवांछनीय परिवर्तनों से वायु की गुणवत्ता पर विपरीत असर होता है और जीवित प्राणियों को नुकसान पहुँचता है। इन्हें ही वायु प्रदूषण कहते हैं। वायु प्रदूषण के निम्न कारण
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