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राजस्थान की ग्रीष्म ऋतु व जलवायु

 ग्रीष्म ऋतु का प्रारंभ मार्च से होता है तथा मध्य जून तक ये ऋतु रहती है। 22 दिसम्बर को सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी पड़ती है और इसके पश्चात् सूर्य उत्तरायण होने लगता है। उत्तरी गोलार्द्ध के धरातल को सूर्य की गर्मी धीरे-धीरे अधिक मिलने लगती है इसी कारण धरातल गर्म होने लगता है तथा दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगते है। 21 मार्च को सूर्य की किरणें विषुवत रेखा पर लंबवत पड़ती है। अतः सभी जगह रात और दिन बराबर होते है।

राजस्थान की जलवायू


* 21 जून को जब सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती है तो राज्य में भयंकर गर्मी पड़ती है।


* दोपहर में यहाँ का तापमान 35 डिग्री सेंटीग्रेड तथा उसके बाद अपराह्न में तापमान 47 डिग्री से-50 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच जाता है।


* पश्चिमी राजस्थान में तापमान की अधिकता के कारण यहाँ वायुदाब न्यून हो जाता है। हवाएँ तेज गति से चलती है जो गर्म व शुष्क होती है जिन्हें लू कहते है।


● पश्चिमी राजस्थान के दैनिक तापान्तर में भी काफी अंतर होता है। जहाँ दिन का तापमान 45 डिग्री से 50 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है वहीं रात्रि का तापमान 14 डिग्री से 17 डिग्री रहता है।

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